काश सितारों के मुझे अरमां नहीं होते
नहीं कोशिशे होती , न ही हौसले होते.
ख्वाबों को देख देखकर अब थक गयी आंखें
आँखें तो सोती है ,मगर अरमां नहीं सोते
समझाते रहे है खुद को हम, यूँ ही उम्र भर
बादल ही घर होता, अगर मेरे भी पर होते
रुकते नहीं कदम मेरे, एक पल को भी
कमबख्त ये फासले ,फिर भी कम नहीं होते
कहते है मुझसे लोग की खुदा से भी ज़रा डरो
गर हम जो डर जाते, तो हम, हम नहीं होते
ANSH
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